Monday, 2 December 2024

Zero Preservative Food Packing for Europe trip as Vegetarian Parent

Travelling to an international destination? Does any or all of the following apply to you? If yes, then you can scroll further and read my post.1. Are you a Vegetarian (non-vegetarians please scroll to the next point)?2. Have at least one child in single digit age group.3. The child (or children) is/ are picky eaters.4. You are yourself a picky eater.5. Conscious eater/ weight watcher/ against refined flour and junk food/ prefer almost nothing...

Tuesday, 5 November 2024

Our France and Switzerland Itinerary with a Kindergartner

 We are a family of three- me, my husband Piyush and our 2019 born Boss Baby Divit. We live in Bangalore, India. I and Piyush are working professionals, and our son is a Kindergartner. We love to travel and explore places. This year in October 2024 we travelled to our dream destinations- France and Switzerland.Our Story on how we decided these destinations-We juggled a lot between places to travel. We are Asians, and have explored a few...

Sunday, 16 July 2023

जड़

कुछ समय पहले मैंने एक कहानी सुनी थी। आज उसे अपने शब्दों में लिख रही हूं।एक गांव में एक पिता अपने बेटे और बहु के साथ रिटायरमेंट के बाद खुशहाल जीवन व्यतित कर रहे थे। बेटा और बहू उनका खूब सम्मान करते। कुछ माह में उनके दादा बनने का संयोग था। वे अपनी गर्भवती बहु की सेहत और आराम का पूर्ण ध्यान रखते थे।एक बार पिताजी शाम को मित्रों के साथ टहल कर घर आये। उनका बेटा आफिस से लौटने के पश्चात हाथ मुँह धो कर बैठा था। बहु ने गरमा गरम चाय का कप देते हुए पिताजी से...

Friday, 31 March 2023

हर घर शबरी

सुबह उठी, बेटे के स्कूल का लंच बॉक्स बनाया,सोच चख लूं, मिर्च ज़्यादा हुई तो भूखा लौट आएगा,पति जॉगिंग कर के घर आये, संतरे का जूस बनाया,सोचा चख लूं, कहीं खट्टा तो नहीं बना ,दोपहर का भोजन बनाया, लगा दाल में नमक कम हो गया होगा,सोचा चख लूं, कहीं सबको पसन्द ना आई तो,बेटा स्कूल से वापिस आया, पकौड़े की फरमाइश करी,बनाते हुए सोचा चख लूँ, ठीक से पका या नहीं,शाम की चाय का समय हुआ, किसी को अदरक चाहिए किसी को शक्कर कम,सबकी चाय थोड़ी थोड़ी चख लेती हूं, कहीं उनके मुँह...

Tuesday, 8 November 2022

Fairy Tale Blues

I wanted to be a poet,To be able to create my own rhymes,And perhaps write infinitely by the river side,Alas, I am so decked up and can never find time,I wanted to be a chef,And perhaps be the queen of fine dine,A mistress of spices, and a fierce baker,Alas, the knives and tongs don't want to be mine,I wished I could travel to a distant land,And magically be back in a pinch,A genie vase in my hand and wishes fulfilled at my finger tips,Alas, here...

Tuesday, 2 August 2022

विचार मंथन

प्रतिदिन के इस स्पंदन में,अनन्त चलते विचार मंथन में,संयोंग ये रहता हर मन में,अथक चलती है विचार धारा,हर मन असन्तोष का मारा,क्यों नहीं मिला मुझे जो उसने पाया,खत्म कहाँ होती हर मन की माया,श्रृंखला है अद्भुत अनंत सुख प्राप्ति की,कैसे वर्णन हो क्या है सुख की परिभाषा,बस ये मिल जाये और हम ख़ुश हो जाएं,बस वो मिल जाये फिर हम तृप्ति पाएं,परिश्रम किया, पूजन किया और सुख मिल ही गया,किन्तु श्रंखला में जुड़ गई बेहतर सुख की आशा,ऐसा है मानव जीवन का तमाशा,कैसे समझाएं...

Friday, 6 May 2022

माँ, कब तक सबके लिए जिया करोगी

कब तक सबके लिए जिया करोगी,ज़िन्दगी अपने हिस्से की कब चखोगी,बच गया तो खा लिया वरना ख़ुद के लिए सलाद कौन काटेगा,सेहत तुम्हारी भी है ज़रूरी, ये कोई न तुम्हें समझायेगा,याद रखती हो हमेशा, की कोई पकौड़े नहीं खाता, कोई सेब से मुंह चुराता,फिर कैसे भूल जाती हो ख़ुद अपनी पसंद नापसन्द,काटो तरबूज़, डालो अंगूर,अपनी भी थाली सजाना ज़रूर,परोसती हो बड़े उत्साह से सबको भोजन,ख़ुद की भी लगाओ एक प्यार वाली थाली,सबकी सेहत का रखती हो ध्यान,क्या आज भी ना रखा ख़ुद की दवाई का मान,कोई...

Thursday, 3 March 2022

मैं ही तो हूँ

तुम्हारे जीवन का आधार हूँ मैं,कभी बेटी तो कभी माँ हूँ मैं,मुझसे ही तुम्हारी भक्ति पूरी है,भूलना नहीं शिव की शक्ति हूं मैं,कृष्ण की बांसुरी पर नृत्य करती गोपी हूँ मैं,क्रोधित हो कर महिषासुर मर्दिनी भी बनी हूँ मैं,अहिल्या बन हुई पत्थर, द्रौपदी बन लगी दाव पर,सीता बन समायी भूमि में, स्वर्ण सी निखरी हर अग्निपरीक्षा में,गुड्डे गुड़ियों के खेल रचाती तुम्हारे आंगन में,मुझसे ही तुम्हारा कन्यादान का पुण्य सम्पूर्ण है,सुनी है मुझ बिन कलाई तुम्हारी,रक्षा करने...

Wednesday, 2 February 2022

सर्दियों का भोजन - परम् सुख

सर्दियों के मौसम में खाने का आनंद कुछ ऐसा है...उस पीली मक्के की रोटी से जब सरसों के साग को उठाते हैं, क्या गज़ब कलर कॉम्बिनेशन नज़र आता है,गर्मा गरम गोभी के पराठों पर तैरता हुआ मक्ख़न मन को जो लुभाता है, स्वाद की इन्द्रियों को वो जगाता है,अदरक वाली चाय में जब काली मिर्च पड़ जाती है, बिस्कुट भी बड़े प्रेम से उसमे डुबकी लगता है,हरे चने की कचोरी पर जब पढती है खट्टी मीठी इमली और ताज़े धनिया की तीख़ी चटनी, परम् सुख वो कहलाता है,गर्म जलेबी से तरती हुई चाशनी,...

Sunday, 14 November 2021

बचपन

याद आता है बचपन का वो फ़सानाना रोने का कारण ना हंसने का बहाना,कागज़ की नाव बना कर बारिश में नहाना,ठंड में ढूंढना स्कूल ना जाने का बहाना,भाई बहन के झगड़े में रिमोट का टूट जाना,"super mario" को टीवी में कुदाना,दीवाली के पटाखे बीस दिन पहले से जलना,होली पर पानी की पिचकारी में भी आनंद था सुहाना,ना सुबह की खबर, ना शाम का ठिकाना,थक कर स्कूल से आना, फिर भी बाहर खेलने जाना,ना youtube की swiping ना PS 4 के बटन दबाना,चित्रहार, महाभारत, तरंग के इंतज़ार में चहकना,छोटी...